बंटी : पार्टी की रीढ़ की हड्डी को नेता और कुछ वर्कर तोड़ रहे है, इसलिए दिया इस्तीफा, पूर्व विधायक सुशील रिंकू पर भी निकाली भड़ास, पढ़ें..

 जालंधर(विनोद बिंटा)- कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने पूर्व विधायक सुशील रिंकू के सिर पर भांडा फोड़ते हुए पार्टी को इस्तीफा दे दिया। बंटी ने दिए हुए इस्तीफे में प्रधान पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को दिए हुए इस्तीफे में कहा कि वह करीब 60 साल से उसका परिवार कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है। पार्टी की मजबूती के लिए उन्होंने तनमन के साथ पार्टी की सेवा की। जिसके चलते पार्टी ने उन्हें पूरा मान सम्मान दिया।दिल में रोष लिए हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की रीढ़ की हड्डी को कुछ वर्कर और कुछ नेता तोड़ रहे है। यह लोग पार्टी को पूरी तरह कमजोर करने में कोई भी कसर नही छोड़ रहे है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने वैस्ट हलके के पूर्व विधायक सुशील रिंकू के कार्यकाल के दौरान उसे घमंडी बताते हुए कहा कि पूर्व विधायक का घमंड सातवें आसमान पर था। जबकि पार्टी के वर्करों के साथ इसने कोई भी तालमेल नही रखा। जिस कारण जनता और वर्कर उससे नाराज रहे और पूर्व विधायक रिंकू को हार का सामना करना पड़ा। अपनी हार की जिम्मेदारी खुद लेने के वजाय इस नेता के आज पार्टी को अंदर ही अंदर कमजोर करने की साजिशें रचनी शुरु कर दी और वर्करों को गुमराह कर रहा है। अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और मिली भगत से यह नेता इमानदार नेताओँ के ऊपर उंगली उठा रहा है और उन्हें पार्टी से निकालने की मांग कर रहा है। इस नेता की घटिया हरकतों के कारण मेरे इलावा सैंकड़ों वर्कर आज निराश है। आज पंजाब में पार्टी का यह हाल हो चुका है कि पार्टी के वर्करों और नेता की कोई सुनवाई नही हो रही। हाईकमान को चाहिए कि वह पूरी तरह गहराई से विचार करना चाहिए। मैं पार्टी के इन ओहदेदारों की विचार धाराओं से दुखी होकर पार्टी को इस्तीफा दे रहा हूं। गौरतलब है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता हरसिमरनजीत सिंह बंटी जो कि जालंधर वैस्ट में रीढ़ की हड्डी माने जाते है। 2017 विधानसभा चुनावों में बंटी ने पूर्व विधायक सुशील रिंकू का दिल से सहयोग किया था। यह भी माना जाता है कि पूर्व विधायक सुशील रिंकू को 2017 में पार्टी से टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। टिकट मिलने के बाद पूरी तरह दिल से हरसिमरनजीत सिंह बंटी के पार्टी वर्करों और सहयोगियों ने रिंकू का पूरी तरह साथ दिया। जिसके चलते 2017 का नतीजा जनता के सामने यह आया कि पूर्व विधायक सुशील रिंकू बहुमत से जीत हासिल की। जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस सीनियर नेता मेजर सिंह और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी और पूर्व विधायक सुशील रिंकू सहित 3 चेहरे वैस्ट डिविजन में उभर कर आए। इन तीनों में दरार उस समय पैदा हुई जब नगर निगम के चुनाव को कुछ समय बाकि था और वैस्ट डिविजन हलके की वार्डबंदी होनी थी। वैस्ट हलके की वार्डबंदी कुछ इस तरीके से हुई कि सरकार कांग्रेस की हो, इसके बावजूद भी सीनियर कांग्रेस नेता मेजर सिंह के हाथ से पार्षद की कुर्सी निकल गई। हालांकि डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को भी एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा और वह वार्ड 44 से कुछ ही वोटों से जीते। पार्टी ने उनका मान सम्मान करते हुए उन्हें नगर निगम में डिप्टी मेयर का पद दिया। हालांकि यह तीनों जनता के सामने इकट्ठे नजर आते थे, लेकिन इन तीनों के बीच तकरार हो चुकी थी, जिस कारण इन तीनों ने दरार पड़ चुकी थी। विधायक की कुर्सी पर बैठने के बाद विधायक ने अपनी मनमानी की। जिसके चलते इन तीनों की दरार और गहरी हो गई। 2022 के चुनावों में भी यह दरार नही भरी। उधर डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने पूर्व विधायक सुशील रिंकू का घमंड सातवें आसमान तक पहुंचने का जिक्र इस्तीफा पत्र में दिया है। यह घमंड पूर्व विधायक सुशील रिंकू की हार का कारण बताया। हालांकि पार्टी ने बंटी का इस्तीफा मंजूर नही किया है।



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