नई दिल्ली- कनाडा में पढ़ाई कर रहे भारत के करीब 700 छात्रों पर स्वदेश वापसी का खतरा मंडरा रहा है। सरकार भारतीय छात्रों को उनके देश भेजने की तैयारी में है। इन सभी छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर के जरिए एडमिशन लेने का आरोप है। कनाडा सरकार के फैसले के विरोध में भारतीय छात्र धरने पर बैठे हुए हैं। यह धरना कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी के मुख्यालय के सामने दिया जा रहा है। वही भारतीय छात्रों का कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वे खुद फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। कनाडा में एडमिशन लेने वालों में पंजाब के छात्र ज्यादा है। कंजर्वेटिव और एनडीपी दोनों विपक्षी सदस्य कनाडा सरकार से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के निर्वासन आदेश पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि छात्रों की इसमें कोई गलती नहीं हैं, वे तो खुद इसका शिकार बने हैं। साथ ही विपक्षी सदस्यों ने कहा कि छात्रों को कनाडा से डिग्री मिली है और वे यहां वर्क परमिट के हकदार भी हैं। सीपीसी सांसद टॉम केमीक ने कि नागरिकता और आप्रवासन समिति को नकली कॉलेज स्वीकृति पत्रों के साथ कथित रूप से घोटाले करने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के निर्वासन आदेशों पर रोक लगानी चाहिए और बच्चों के भविष्य के बारे में विचार करना चाहिए।
