जालंधर( vbnews 24) नगर निगम के चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है वहीं पंजाब सरकार ने यह ऐलान किया है कि 1 सप्ताह में निगम अपने वार्ड बंदियों की रिपोर्ट पेश करें वही वार्ड बंदी को लेकर सियासत गरमाने लगती है अब देखना होगा कि विधायक इस बार कौन सी रणनीति लेकर नगर निगम के चुनावों में उतरते हैं वही वेस्ट हल्के में नगर निगम चुनावों को लेकर कई वार्डों में सरगर्मियां तेज हो गई है। वेस्ट हलके के इस बार होने वाले चुनावों में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं कई नेता अपनी पार्टियों को छोड़कर दूसरी पार्टियों में जाने का मन बना चुके हैं लेकिन वह मौके का इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें मौका मिले और वह पार्टी में फेरबदल कर सके कुछ नेता इस होड़ में है कि वह अपनी पार्टी का दामन छोड़ कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम ले कुछ पार्षदों की यह है कि वह अपनी पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम ले नगर निगम चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को इस बार मिलेगा कांग्रेस पार्टी के नेता और पार्षद चुनाव लड़ने की सक्रिय हो गए हैं। लेकिन अब देखना होगा कि विधायक अपने हलकों की वार्ड बंदी में कौन सा बदलाव लेकर आते हैं 2017 में जब कांग्रेस की सरकार आई थी तो कुछ विधायकों ने वार्ड बंदी को ही लेकर अपने बीच लकीर खींच ली थी विधायक की यह सोच थी कि कौन सा नेता पार्षद बनेगा या फिर कौन सा नेता नहीं यह वार्ड बंदी के समय ही रणनीति तय हो गई थी, जिसका नतीजा कई दिग्गज कांग्रेस नेता नगर निगम के चुनाव हार गए थे अब 2022 ने नगर निगम चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है कुछ ही समय बाद वार्ड बंदी की भी तैयारियां शुरू हो जाएगी देखना होगा कि वेस्ट हलके में इस बार कितने वार्ड की गिनती बढ़ती है और कौन कौन से वार्ड के हिस्से दूसरे वाडो में डाल दिए जाएंगे वेस्ट हलके में वार्ड बंदी का समाचार पाने के बाद सियासत तेज शुरू हो गई है वार्ड नंबर 42 वार्ड नंबर 44 का मुकाबला 20- 20 मैच जैसा देखने को मिल सकता है सभी नेता पार्षद बनने की होड़ में अपने दाब खेल रहे हैं वही इलाके में कुछ नेता ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अबकी बार हमारी बारी है के पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे कुछ नेता ऐसे भी हैं जो किसी भी चुनाव में अपना मौका खोने नहीं देते चुनाव जैसा भी हो लड़ना ही है वार्ड नंबर 75 में भी कई नेता चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। एक प्रधान इस बार में ऐसा भी है जो वार्ड में हर समय सक्रिय रहता है वह भी पोस्ट डाल रहा है कि इस बार उसकी बारी लेकिन इलाके के लोग इस प्रधान के कामों को लेकर खुश नहीं दिख रहे हैं। वहीं वार्ड नंबर 72 में आम आदमी पार्टी टिकट के दावेदार प्रधान नरिंदर पब्लिक में सक्रिय हैं वार्ड में कोई भी काम कहीं भी चल रहा है वह वहां पहुंचकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। विकास कार्य के कामों में अपनी भूमिका दिखा रहे हैं और वह दिन ब दिन लोगों का प्यार हासिल कर रहे हैं। वेस्ट हलके में कुछ वार्ड ऐसे भी है यहां पार्षद और नेता चुप्पी साधे हुए हैं मौके की तलाश में बैठे हैं कि नगर निगम के चुनावों में उन्होंने इस बार कौन सी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ना है कई भाजपा नेता और पार्षद पार्टी का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ने की तैयारी में बैठे हैं। लेकिन कुछ पार्षद ऐसे भी हैं जो अपनी उम्मीद से ज्यादा सोच कर बैठे हैं कि उन्हें नगर निगम के चुनावों में जीत के बाद बड़ी कुर्सी चाहिए कुछ पार्षद ऐसे भी हैं जो आम आदमी पार्टी के आगे अपनी शर्तें रख कर टिकट मांगने की होड़ में लगे हुए हैं, लेकिन लग रहा है कि उनका यह सपना साकार नहीं होने वाला है। क्योंकि आम आदमी पार्टी जिस तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाने किस सोच में है, वे उनकी सोच से मेल नहीं खा पा रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में वेस्ट हलके की सियासत किस ओर का रुख करेंगी, कुछ कांग्रेसी नेता भी ऐसे है जो भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
जालंधर( vbnews 24) नगर निगम के चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है वहीं पंजाब सरकार ने यह ऐलान किया है कि 1 सप्ताह में निगम अपने वार्ड बंदियों की रिपोर्ट पेश करें वही वार्ड बंदी को लेकर सियासत गरमाने लगती है अब देखना होगा कि विधायक इस बार कौन सी रणनीति लेकर नगर निगम के चुनावों में उतरते हैं वही वेस्ट हल्के में नगर निगम चुनावों को लेकर कई वार्डों में सरगर्मियां तेज हो गई है। वेस्ट हलके के इस बार होने वाले चुनावों में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं कई नेता अपनी पार्टियों को छोड़कर दूसरी पार्टियों में जाने का मन बना चुके हैं लेकिन वह मौके का इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें मौका मिले और वह पार्टी में फेरबदल कर सके कुछ नेता इस होड़ में है कि वह अपनी पार्टी का दामन छोड़ कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम ले कुछ पार्षदों की यह है कि वह अपनी पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम ले नगर निगम चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को इस बार मिलेगा कांग्रेस पार्टी के नेता और पार्षद चुनाव लड़ने की सक्रिय हो गए हैं। लेकिन अब देखना होगा कि विधायक अपने हलकों की वार्ड बंदी में कौन सा बदलाव लेकर आते हैं 2017 में जब कांग्रेस की सरकार आई थी तो कुछ विधायकों ने वार्ड बंदी को ही लेकर अपने बीच लकीर खींच ली थी विधायक की यह सोच थी कि कौन सा नेता पार्षद बनेगा या फिर कौन सा नेता नहीं यह वार्ड बंदी के समय ही रणनीति तय हो गई थी, जिसका नतीजा कई दिग्गज कांग्रेस नेता नगर निगम के चुनाव हार गए थे अब 2022 ने नगर निगम चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है कुछ ही समय बाद वार्ड बंदी की भी तैयारियां शुरू हो जाएगी देखना होगा कि वेस्ट हलके में इस बार कितने वार्ड की गिनती बढ़ती है और कौन कौन से वार्ड के हिस्से दूसरे वाडो में डाल दिए जाएंगे वेस्ट हलके में वार्ड बंदी का समाचार पाने के बाद सियासत तेज शुरू हो गई है वार्ड नंबर 42 वार्ड नंबर 44 का मुकाबला 20- 20 मैच जैसा देखने को मिल सकता है सभी नेता पार्षद बनने की होड़ में अपने दाब खेल रहे हैं वही इलाके में कुछ नेता ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अबकी बार हमारी बारी है के पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे कुछ नेता ऐसे भी हैं जो किसी भी चुनाव में अपना मौका खोने नहीं देते चुनाव जैसा भी हो लड़ना ही है वार्ड नंबर 75 में भी कई नेता चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। एक प्रधान इस बार में ऐसा भी है जो वार्ड में हर समय सक्रिय रहता है वह भी पोस्ट डाल रहा है कि इस बार उसकी बारी लेकिन इलाके के लोग इस प्रधान के कामों को लेकर खुश नहीं दिख रहे हैं। वहीं वार्ड नंबर 72 में आम आदमी पार्टी टिकट के दावेदार प्रधान नरिंदर पब्लिक में सक्रिय हैं वार्ड में कोई भी काम कहीं भी चल रहा है वह वहां पहुंचकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। विकास कार्य के कामों में अपनी भूमिका दिखा रहे हैं और वह दिन ब दिन लोगों का प्यार हासिल कर रहे हैं। वेस्ट हलके में कुछ वार्ड ऐसे भी है यहां पार्षद और नेता चुप्पी साधे हुए हैं मौके की तलाश में बैठे हैं कि नगर निगम के चुनावों में उन्होंने इस बार कौन सी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ना है कई भाजपा नेता और पार्षद पार्टी का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ने की तैयारी में बैठे हैं। लेकिन कुछ पार्षद ऐसे भी हैं जो अपनी उम्मीद से ज्यादा सोच कर बैठे हैं कि उन्हें नगर निगम के चुनावों में जीत के बाद बड़ी कुर्सी चाहिए कुछ पार्षद ऐसे भी हैं जो आम आदमी पार्टी के आगे अपनी शर्तें रख कर टिकट मांगने की होड़ में लगे हुए हैं, लेकिन लग रहा है कि उनका यह सपना साकार नहीं होने वाला है। क्योंकि आम आदमी पार्टी जिस तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाने किस सोच में है, वे उनकी सोच से मेल नहीं खा पा रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में वेस्ट हलके की सियासत किस ओर का रुख करेंगी, कुछ कांग्रेसी नेता भी ऐसे है जो भाजपा का दामन थाम सकते हैं।